Shower for more than: क्या होगा? अगर आप 15 मिनट से ज्यादा नहाते है तो

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Source: insider.com


Shower for more than: क्या होगा? अगर आप 15 मिनट से ज्यादा नहाते है तो

अक्सर हम जानकारी के अभाव में ये गलतियां कर देते हैं नहाते वक्त जाने-अनजाने में हो रही गलतियां हमारी सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं। इससे ना सिर्फ आपकी स्किन, बल्कि बालों को भारी नुकसान हो सकता है। नहाते समय हमें साबुन और शैम्पू में मौजूद कैमिकल प्रोडक्ट्स का ख्याल रखना चाहिए जिनके भयानक साइड इफेक्ट्स terrible side effects देखने को मिल सकते हैं। एक्सपर्ट का Expert says कहना है कि ज्यादातर साबुन या शैम्पू soap or shampoo को बहुत देर तक अप्लाई करने से त्वचा पर उनका ड्राई इफेक्ट dry effect पड़ने लगता है। इसलिए साबुन या शैम्पू soap or shampoo के इस्तेमाल के बाद बॉडी और बालों को शॉवर के नीचे अच्छे से धोना जरूरी है। वरना आपकी स्किन ड्राई हो सकती है, त्वचा फट सकती है।

Expert हालांकि एक्सपर्ट ने शॉवर के नीचे बहुत देर तक खड़े रहने को लेकर भी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि बहुत देर तक शॉवर लेने से भी स्किन ड्राई हो जाती है। इसके अलावा त्वचा skin में लालपन rednessआ सकता है और वो सेंसिटिव हो सकती है। एक्सपर्ट 15 मिनट से ज्यादा देर तक शॉवर लेना सही नहीं मानते हैं।
हारवर्ड हेल्थ के मुताबिक तेल, परफ्यूम और शैम्पू, कंडीशनर और साबुन Shampoo, conditioner and soap में मौजूद अन्य तत्वों के भी अपने नुकसान हैं। ये तमाम चीजें एलेर्जिक रिएक्शन को बढ़ावा दे सकती हैं। हेल्थ बॉडी का सुझाव है कि नहाने की फ्रीक्वेंसी भी नहाने की ड्यूरेशन जितनी महत्वपूर्ण है। हालांकि नहाने की कोई आदर्श फ्रीकेंसी निर्धारित नहीं की गई है।


लंबे समय तक नहाने से समस्या Long bathing problem

Expert एक्सपर्ट की मानें तक ज्यादा देर तक नहाने से स्किन फटने लगती है जिससे बैक्टीरिया या एलेर्जी पैदा करने वाले तत्व आसानी से त्वचा में दाखिल हो सकते हैं। एंटीबैक्टीरियल साबुन Antibacterial soap नॉर्मल बैक्टीरिया को भी मारने लगता है। ये स्किन पर माइक्रोऑर्गेनिज्म के संतुलन को बिगाड़ देता है और स्किन के लिए कम अनुकूल सूक्ष्म जीवों को बढ़ावा देता है जो एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति अधिक प्रतिरोधी होते हैं।

इसके अलावा, हमारे इम्यूनिटी सिस्टम Immunity system को भी प्रोटेक्टिव एंटीबॉडीज Antibodies और इम्यून मेमोरी के लिए नॉर्मल माइक्रोऑर्गेनिज्म, गंदगी और अन्य एनवायरोमेंटल जोखिमों द्वारा एक निश्चित मात्रा में उत्तेजना की जरूरत होती है। इसके अलावा जिस पानी से हम अपना शरीर साफ करते हैं उसमें भी नमक, हैवी मेटल, क्लोरिन, फ्लुओराइड, पेस्टीसाइड्स Metals, Chlorine, Fluoride, Pesticides और तमाम तरह के कैमिकल होते हैं। पानी में मौजूद ये तत्व भी समस्या पैदा कर सकते हैं।

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